ठग व्यापारी की कहानी | बच्चों के लिए कहानी | story in thug business in hindi

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ठग व्यापारी की कहानी, एक गांव में एक व्यापारी रहता था। वह लोगों को हमेंशा बुध्दु बनाकर अपना समान बेचता था। वह कम दाम का समान ज्यादा भाव में बेच देता था।

 

ठग व्यापारी की कहानी | powerful motivational story in hindi for students, children | बच्चों के लिए कहानी

 

कम दाम का समान ज्यादा दाम पर बेचने से लोगों को बहुत नुकसान होता था।

 

वह व्यापारी अपना समान बेचकर बहुत खुश रहता था। वह व्यापारी सोचता था कि कोई उसके चाल को समझ नहीं पायेंगा। वह जब चाहें वह किसी को भी मुर्ख बना सकता हैं। और अपना समान बेच सकता हैं।

 

कहा जाता हैं कि समय एक जैसा नहीं रहता हैं। आज अच्छा हैं तो कल बुरा हो सकता हैं। और आज बुरा हैं तो कल अच्छा हो सकता हैं।

 

ठग व्यापारी की कहानी | शिक्षाप्रद कहानी बच्चों के लिए

 

एक समय कि बात हैं व्यापारी का सवा शेर उसे मिल गया। उस व्यापारी को देखते ही उस व्यक्ति ने यह समझ लिया था कि यह व्यापारी बहुत बड़ा ठग हैं।

 

इस ठग को मैं सुधार कर ही रहुँगा। उसने व्यापारी से समान खरीदा और चला गया।

 

उसने एक प्लान बनाया जिससे व्यापारी को सुधारा जा सके।

 

उसने प्लान बनाया कि वह व्यापारी को अपना सामान बेचेगा। उसने कम दाम का समान खरीदा और व्यापारी को दस गुना दाम पर बेच दिया।

 

ठग व्यापारी की कहानी

 

 

उस व्यक्ति ने उस समान की बहुत तारीफ़ किया। और कहा की यह समान बहुत बिक रहा हैं। आप इस समान को खरीद लेते हैं। और दो महीनों के बाद बेचते हैं तो यह समान जिस दाम पर खरीद रहे हैं। उससे दस गुना दाम पर बेच सकते हैं।

 

 

उस व्यक्ति ने व्यापारी को लालच दिखाया और व्यापारी ने अपने दोस्तों से भी उधार लेकर उस व्यक्ति की सारी समान खरीद लिया।

 

 

ठग व्यापारी की कहानी | शिक्षा देने वाली कहानी

 

समान खरीदने के बाद जब व्यापारी को पता चला कि मैंने गलत समान खरीद लिया हैं और वह भी दस गुने दाम पर तो वह व्यापारी रोने लगा।

 

और कहने लगा कि मैं ज्यादा लालच कर के फंस गया। अब मैं अपने दोस्तों के पैसे कैसे दूंगा? 

 

 

ठग व्यापारी की कहानी हिन्दी में

 

वह सोचने लगा कि जिस तरह मैं लोगों को कम दाम का समान ज्यादा भाव में बेच देता हूँ। उसी तरह उस व्यक्ति ने मेरे साथ किया हैं।

 

हम दोनों ही गलत है मैं थोड़ा-थोड़ा कर के लोगों को लुटता हूँ और वह एक बार में ही मुझे लुट लिया।

 

जब उस व्यक्ति को ऐहसास हो गया कि
वह व्यापारी सुधर गया है तो वह आया। और वह व्यापारी को सारी बात बतायी। कि मैं यह सब तुम्हें सुधारने के लिए किया था।

 

उसने व्यापारी के सारे रुपये लौटा दिया।

 

इस कहानी से हमें क्या शिक्षा मिलती हैं?
उत्तर – > इस कहानी से हमे शिक्षा मिलती हैं कि हमे दुसरो को लुटना नहीं चाहिए। अगर हम दुसरों को लुटते हैं तो कोई हमें भी लुट सकता हैं। क्योंकि हर किसी का कोई ना कोई सवा शेर होता हैं।

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Author: Kumar

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