एक गांव में एक व्यापारी था। उसके पास दो गदहे थे। वह दोनों गदहो से बहुत काम करवाता (बोझ उठवाता) था। जब वे काम नहीं करते थे। तो वह उसे बहुत मारता था।
Do gadho ki kahani | सोच बदलने वाली कहानी
व्यापारी Donkey को खाना कम काम ज्यादा करवाता था। दोनों गदहो ने एक प्लान बनाया की आज के बाद वे दोनों काम नहीं करेंगे। भले ही उन्हें व्यापारी कितना ही मारे।
इधर व्यापारी अपने दोस्त के यहाँ गया था। उसके दोस्त के पास भी दो गदहे थे। जिनसे वह अपना समाने बेचने जाता था।
उसका दोस्त भी अपने गदहो को खाना कम, काम ज्यादा लेता था। खाना कम देने से उसके गदहे कमजोर हो गये थे।
एक दिन वह नहर किनारे अपने दोनों गदहो के साथ समान लादकर बजार जा रहा था। तभी उन गदहो का पैर पिसला और समान के साथ वे पानी में डुब गये।
यह बात अपने दोस्त से बतायी। कि मैं किस तरह बर्बाद हो गया। उसने अपने दोस्त से बतायी कि अगर मैं गदहो को ठीक से खाना देता। तो वे मजबुत होते ओर समान का वजन भी सम्भाल सकते थे।
दो गदहे की कहानी
मैंने उन्हें ठीक से खाना नहीं दिया और उनसे बहुत ज्यादा काम करवाया। इन सब का दुख मुझे सब कुछ खोने के बाद पता चला।
तब उसके दोस्त को एहसास हुआ कि मैं भी अपने गदहो के साथ गलत करता हूँ। और अब से मैं अपने गदहो को ठीक से खाना दूगां। और उनसे उनके क्षमता से ज्यादा काम नहीं करवाऊंगा।
व्यापारी और गदहे की कहानी
अब व्यापारी घर आया। दोनों गदहो को ठीक से खाना खिलाया। और कम वजन उनके पीठ पर लादा और बजार निकल पड़ा।
इधर दोनों गदहो ने प्लान बनाया था। कि वे काम नहीं करेंगे। लेकिन व्यापारी के इस व्यवहार से वे काम करने लगे।
इस कहाने से हमे क्या शिक्षा मिलती हैं?
इस कहानी से हमें शिक्षा मिलती हैं कि हम जो सोचते हैं, प्लान बनाते हैं। वे हमेशा सच नहीं होते हैं। हम अपना फैसला अपनी स्थिति के अनुसार करते हैं। हमारे साथ दूसरा जैसा व्यवहार करता हैं वैसे ही हम उनके साथ करते हैं। और हम अपना व्यवहार कभी भी बदल देते हैं। हमें अपने साथ रहने वालों की भी मदद करनी चाहिए।