हर पर्व का जीवन में बहुत महत्व होता है। The Republic Day ( गणतंत्र दिवस ) को हमारे संविधान के जन्म दिवस के रूप में मनाया जाता है।
यह हमारे लिए बहुत ही खुशी की बात है। हमें हर साल इस महान पर्व 26 जनवरी का तहेदिल से स्वागत करना चाहिए।
प्रत्येक वर्ष 26 जनवरी को मनाया जाने वाला गणतंत्र दिवस, भारत का राष्ट्रीय पर्व है, जिसे प्रत्येक भारतवासी पूरे उत्साह, जोश और सम्मान के साथ मनाता है।
राष्ट्रीय पर्व होने के नाते इसे हर धर्म, संप्रदाय और जाति के लोग मनाते है।
हम सभी को भारत का नागरिक होने का गर्व है। प्रतिवर्ष 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में हमारे देश भारत में मनाया जाता है। इस महान दिन को ना सिर्फ भारत में रहने वाले भारतीय बल्कि विश्व के कोने कोने में रहने वाले भारतवासी उत्साह के साथ मनाते हैं।
गणतंत्र का मतलब क्या है ?
गणतंत्र का अर्थ सभी देश के लोगों को शक्ति और आजादी हैं, ताकि देश को सही क्षेत्र या दिशा में नेतृत्व करने के लिए अपने नेताओं को चुन सकें।
26 जनवरी क्यों मनाया जाता है?
वर्ष 1929 के दिसंबर महीने में लाहौर में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का अधिवेशन हुआ। इसकी अध्यक्षता पंडित जवाहरलाल नेहरू कर रहे थे। इस अधिवेशन में प्रस्ताव पास हुआ कि अगर अंग्रेजी हुकूमत 26 जनवरी 1930 तक भारत को डोमिनियन का पद नहीं देता है तो भारत खुद को पूरी तरह से स्वतंत्र घोषित कर देगा।
इसके बावजूद 26 जनवरी 1930 तक जब अंग्रेज सरकार ने कुछ नहीं दिया तब कांग्रेस ने उस दिन भारत की पूर्ण स्वतंत्रता के निश्चय की घोषणा की और अपना सक्रिय आंदोलन शुरू किया।
26 जनवरी 1930 को 12 बजे रात में, जवाहर लाल नेहरु ने लाहौर में रवि नदी के किनारे सबसे पहले तिरंगा फहराया और स्वतंत्रता दिवस को बड़े धूमधाम से मनाया गया।
15 अगस्त 1947 को भारत के स्वतंत्रता मिली। एक नया भारत बनाने के लिए एक अच्छी संविधान की जरूरत थी। डॉ भीमराव अम्बेडकर की अध्यक्षता में भारत का संविधान बना। जो संविधान 26 नवंबर 1949 तक बनकर तैयार हो गया था।
वे सभी लोग जो संविधान सभा के नेता थे, उन्होंने 26 जनवरी 1930 कि यादें को ताजा रखने के लिए 26 जनवरी 1950 को संविधान लागू करने का फैसला किया।
और 26 जनवरी 1950 को भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद जी ने तिरंगा फहराया और बड़े धूमधाम से गणतंत्र दिवस को मनाया गया।
तब से आज तक 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है।
26 जनवरी को सभी विधार्थी दिल से कहते हैं :-
हमारे देश में कई देशभक्त जन्मे हैं जिन्होंने अपनी जान की परवाह ना करते हुए हमारे देश के लिए अपनी जान निछावर कर दी थी। ऐसे ही कुछ देशभक्तों को हमारा सलाम।
भारत को आजादी दिलाने में बहुत से देश भक्तों ने अपने जीवन का बलिदान दिया था। ऐसे ही कुछ देशभक्त थे चंद्रशेखर आजाद, भगत सिंह, सुखराज, सुभाष चंद्र बोस, लाला लाजपत राय और महात्मा गांधी आदि। सभी देशभक्तों कि कसम मेरे देश की तरफ जो भी आंख उठा कर देखेगा उसकी आंखें निकाल लेंगे हम।
मेरा” हिंदुस्तान ”महान था, महान है और महान रहेगा, होगा हौसला बुलंद सब के ड़ों में बुलंद तो एक दिन पाक भी जय हिन्द कहेगा।
खुशनसीब हैं वो जो वतन पर मिट जाते हैं,
मरकर भी वो लोग अमर हो जाते हैं,
करता हूँ उन्हें सलाम ए वतन पे मिटने वालों,
तुम्हारी हर साँस में तिरंगे का नसीब बसता है…
जो अब तक ना खौला, वो खून नहीं पानी है,
जो देश के काम ना आये, वो बेकार जवानी है।
सारे जहाँ से अच्छा हिंदुस्तान हमारा
हम बुलबुलें हैं उसकी वो गुलसिताँ हमारा।
परबत वो सबसे ऊँचा
हमसाया आसमाँ का
वो संतरी हमारा वो पासबाँ हमारा ……
ऐ मेरे वतन के लोगों तुम खूब लगा लो नारा
ये शुभ दिन है हम सब का लहरा लो तिरंगा प्यारा
पर मत भूलो सीमा पर वीरों ने है प्राण गँवाए
कुछ याद उन्हें भी कर लो जो लौट के घर न आये….
लिख रहा हूं मैं अजांम जिसका कल आगाज आयेगा,
मेरे लहू का हर एक कतरा इकंलाब लाऐगा
मैं रहूँ या ना रहूँ पर ये वादा है तुमसे मेरा कि,
मेरे बाद वतन पर मरने वालों का सैलाब आयेगा।
मुझे ना तन चाहिए, ना धन चाहिए
बस अमन से भरा यह वतन चाहिए
जब तक जिन्दा रहूं, इस मातृ-भूमि के लिए
और जब मरुँ तो तिरंगा कफ़न चाहिये।
क्रांतिवीर मदन लाल ढींगरा की जीवनी
अपनी आज़ादी को हम हरगिज़ मिटा सकते नहीं
सर कटा सकते हैं लेकिन सर झुका सकते नहीं।
इतनी सी बात हवाओं को बताये रखना
रौशनी होगी चिरागों को जलाये रखना
लहू देकर की है जिसकी हिफाजत हमने
ऐसे तिरंगे को हमेशा दिल में बसाये रखना।
आजादी की कभी शाम नहीं होने देंगे
शहीदों की कुर्बानी बदनाम नहीं होने देंगे
बची हो जो एक बूंद भी लहू की
तब तक भारत माता का आँचल नीलाम नहीं होने देंगे।
भारत माता को सलाम, उन वीरता को सलाम,
जय हिन्द , जय भारत ।।