दीपावली हिन्दुओं का महत्वपूर्ण त्यौहार है। यह कार्तिक मास की अमावस्या की रात्रि में मनाया जाता है। इस रात को घर-घर में दीपक जलाए जाते हैं। इसलिए इसे “दीपावली” कहा गया।
रात्रि के घनघोर अन्धेरे में दीवाली का का जगमगाता हुआ प्रकाश अति सुन्दर दृश्य की रचना करता है।
दीपावली वर्षा-ऋतु की समाप्ति पर मनाई जाती है। धरती की कीचड़ और गन्दगी समाप्त हो जाती है।
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अत: लोग अपने घरों-दुकानों की पूरी सफाई करवाते हैं ताकि सीलन, कीड़े-मकोड़े और अन्य रोगाणु नष्ट हो जाएँ।
दीवाली से पहले लोग रंग-रोगन करवाकर अपने भवनों को नया कर लेते हैं। दीप जलाने का भी शायद यही लक्ष्य रहा होगा कि वातावरण के सब रोगाणु नष्ट हो जाएँ।
दीवाली के साथ निम्नलिखित प्रसंग भी जुड़े हुए हैं। ऐसी मान्यता है कि इन दिन श्री रामचन्द्र जी रावण का संहार करने के पश्चात वापस अयोध्या लौटे थे। उनकी खुशी में लोगों ने घी के दीपक जलाए थे।
