हम सभी जानते हैं कि समय की कीमत क्या होती है। time हमें ऐसे ही बर्बाद नहीं करना चाहिए। हमारे जीवन के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है।
इसका उपयोग हमें सोच समझ कर करना चाहिए। वरना हमें जहाँ देना चाहिए वहाँ हम समय देना चाहते ही नहीं है।
एक कहानी के माध्यम से समझेगे कि हमें कहाँ समय देना चाहिए।
एक व्यक्ति ऑफिस में देर रात तक काम करने के बाद थका-हारा घर पहुंचा। दरवाजा खोलते ही उसने देखा कि उसका छोटा सा बेटा सोने की बजाय उसका इंतजार कर रहा है।
अन्दर घुसते ही बेटे ने पूछा – पापा, क्या मैं आपसे एक प्रश्न पूछ सकता हूँ?
हाँ – हाँ पूछो, क्या पूछना है? पिता ने कहा।
पापा, आप एक घंटे में कितना कमा लेते हैं?
इससे तुम्हारा क्या लेना देना ऐसे बेकार के सवाल क्यों कर रहे हो? पिता ने झुंझलाते हुए उत्तर दिया।
बेटा – मैं बस यूँ ही जानना चाहता हूँ। प्लीज बताइए कि आप एक घंटे में कितना कमाते हैं?
पिता ने गुस्से से उसकी तरफ देखते हुए कहा, नहीं बताऊगां, तुम जाकर सो जाओ यह सुन बेटा दुखी हो गया और वह अपने कमरे में चला गया।
व्यक्ति अभी भी गुस्से में था और सोच रहा था कि आखिर उसके बेटे ने ऐसा क्यों पूछा पर एक – आधा घंटा बीतने के बाद वह थोड़ा शांत हुआ, फिर वह उठ कर बेटे के कमरे में गया और बोला, क्या तुम सो रहे हो?
नहीं।
मैं सोच रहा था कि शायद मैंने बेकार में ही तुम्हे डांट दिया। दरअसल दिन भर के काम से मै बहुत थक गया था। व्यक्ति ने कहा।
Sorry बेटा – मैं एक घंटे में 100 रुपया कमा लेता हूँ।
थैंक यूं पापा बेटे ने खुशी से बोला और तेजी से उठकर अपनी आलमारी की तरफ गया, वहाँ से उसने अपने गोलक तोड़े और ढेर सारे सिक्के निकाले और धीरे – धीरे उन्हें गिनने लगा।
पापा मेरे पास 100 रुपये हैं। क्या मैं आपसे आपका एक घंटा खरीद सकता हूँ?
प्लीज आप ये पैसे ले लिजिए और कल घर जल्दी आ जाइये, मैं आपके साथ बैठकर खाना खाना चाहता हूँ।
दोस्तों, इस तेज रफ़्तार जीवन में हम कई बार खुद को इतना व्यस्त कर लेते हैं।
कि उन लोगो के लिए समय नहीं निकाल पाते जो हमारे जीवन में सबसे ज्यादा अहमियत रखते हैं।
इसलिए हमें ध्यान रखना होगा कि इस जिन्दगी में भी हम अपने माँ – पापा, जीवन साथी, बच्चों और मित्रों के लिए समय निकालें,
वरना एक दिन हमें अहसास होगा कि हमने छोटी – मोटी चीजें पाने के लिए कुछ बहुत बड़ा खो दिया है।