महाभारत को कौन नहीं जानता है। यह एक हिन्दूओं का धर्म ग्रंथ है। यह दुनिया भर में प्रसिद्ध है।
महाभारत के अनमोल विचार
1. जहाँ सब लोग नेता बनने के इच्छुक हों, जहाँ सब सम्मान चाहते हों और पंडित बनते हों, जहाँ सभी महत्वाकांक्षी हों, वह समुदाय पतित और नष्ट हुए बिना नहीं रह सकता।
2. लज्जा नारी का अमूल्य रत्न है।
3. मौत आती है, और एक आदमी को अपना शिकार बनाती है, एक ऐसा आदमी जिसकी शक्तियां अभी तक अनपेक्षित हैं; फूलों के इरादे को इकट्ठा करने की तरह, जिनके विचार दूसरे तरीके से बदल जाते हैं। अच्छी प्रैक्टिस करने के लिए दांव लगाना शुरू करें, ऐसा न हो कि भाग्य आपके लिए योजनाओं और परवाह के दौर को अनदेखा कर दे; दु: खद कार्य करने के लिए दिन का समापन।
4. पुरुषार्थ नहीं करते वे धन, मित्र, ऐश्वर्य, उत्तम कुल तथा दुर्लभ लक्ष्मी का उपयोग नहीं कर सकते।
5. एक बुरा आदमी उतना ही प्रसन्न होता है जितना कि एक अच्छा आदमी दूसरों के बीमार बोलने से व्यथित होता है।
6. ये इन्द्रियाँ ही स्वर्ग और नरक है। इनको वश में रखना स्वर्ग और स्वतंत्र छोड़ देना नर्क है।
7. महाभारत, शरणागत की रक्षा करना बहुत ही पुनीत कर्म है, ऐसा करने से पापी के भी पाप का प्रायश्चित हो जाता है।
8. मोह मे फंसकर अधर्म का प्रतिकार न करने के कारण ही महाभारत जैसे युध्द से महान जन-धन की हानि हुई।
9. अहंकार मानव का और मानव समाज का इतना बङा शत्रु है, जो सम्पुर्ण मानव जाति के कष्ट का कारण और अन्ततः विनाश का द्वार बनता है।
10. जिसे सत्य पर विश्वास होता है, और जो अपने संकल्प पर दृढ होता है, उसका सदैव कल्याण होता रहता है।
11. परिवर्तन इस संसार का अटल नियम है, और सब को इसे स्वीकारना ही पड़ता है; क्योकी कोई इसे बदल नही सकता।
12. महाभारत, लोभ धर्म का नाशक है।
13. विपत्ति के आने पर अपनी रक्षा के लिए व्यक्ति को अपने पड़ोसी शत्रु से भी मेल कर लेना चाहिए।
14. जो मनुष्य अपने माता-पिता की सेवा पुरे सद्भाव से करते है, उनकी ख्याति इस लोक मे ही नही बल्कि परलोक मे भी होती है।
15. बड़े से बड़ा शूरवीर भी अगर अधर्म और अन्याय का साथ देता है तो धर्म के आगे उसे अन्ततः झुकना ही पड़ता है।
16. सत्य, धर्म, सम्मान, आदि जगहो पे झुकने से मनुष्य कीर्तिवान, और यशस्वी बन जाता है।
17. समय अत्यधिक बलवान होता है, एक क्षण मे समस्त परिस्थितियाँ बदल जाती है।
18. जैसे सूखी लकड़ी के साथ मिली होने पर गीली लकड़ी भी जल जाती है, उसी प्रकार दुष्ट- दुराचारियों के साथ सम्पर्क में रहने पर सज्जन भी दुःख भोगते है।
19. महाभारत, सो कर नींद जीतने का प्रयास न करें। कामोपयोग के द्वारा स्त्री को जीतने की इच्छा न करें।
20. अपनी निंदा सहने की शक्ति रखने वाला व्यक्ति मानों विश्व पर विजय पा लेता है।
21. जिसके साथ सत्य हो, उसके साथ धर्म है, और जिसके साथ धर्म हो, उसके साथ परमेश्वर है, और जिसके साथ स्वयं परमेश्वर हो उसके पास सब कुछ है।
22. महाभारत, एक मनुष्य को अपनी मातृभूमि सर्वोपरि रखनी चाहिए और हर परिस्थत मे उसकी रक्षा करनी चाहिए।
23. मनुष्य का पराक्रम उसके सब अनर्थ दूर कर देता है।
24. यदि पानी पीते – पीते उसकी बूंद मुंह से निकलकर भोजन में गिर पड़े तो वह खाने योग्य नहीं रहता। पीने से बचा हुआ पानी पुन: पीने के योग्य नहीं होता।
मेरे कुछ अनमोल विचार हिन्दी में
25. प्रिय वस्तु प्राप्त होने पर भी तृष्णा तृप्त नहीं होती, वह ओर भी भड़कती है जैसे ईधन डालने से अग्नि।
26. विधि के विधान के आगे कोई नही टिक सकता । एक पुरुर्षाथी को भी वक्त के साथ मिट कर इतिहास बन जाना पड़ता है।
27. अगर परमेश्वर से कुछ माँगना है तो सिर्फ उनके प्रति निश्चल भक्ति माँगो। जिसके आ जाने मात्र से ही संसार का समस्त वैभव तुम्हारे पास रहेगा।