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Indira Gandhi या इन्दिरा प्रियदर्शिनी गाँधी वर्ष 1966 से 1977 तक लगातार 3 पारी के लिए भारत गणराज्य की प्रधानमन्त्री रहीं।
उसके बाद चौथी पारी में 1980 से लेकर 1984 में उनकी राजनैतिक हत्या तक भारत की प्रधानमंत्री रहीं।
वे भारत की प्रथम और अब तक एकमात्र महिला प्रधानमंत्री रहीं। इनका जन्म 19 November 1917 को तथा मृृत्यु 31 October 1984 को हुआ था।
Indira Gandhi के महान विचार
1. लोग अपने कर्तव्यों को भूल जाते हैं पर अधिकारों को याद रखते हैं।
2. प्रश्न करने का अधिकार मानव प्रगति का आधार है।
3. एक देश की ताकत अंततः इस बात में निहित है कि वो खुद क्या कर सकता है, इसमें नहीं कि वो औरों से क्या उधार ले सकता है।
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4. क्रोध कभी बिना तर्क के नहीं होता , लेकिन कभी – कभार ही एक अच्छे तर्क के साथ।
5. आपको गतिविधि के समय स्थिर रहना और विश्राम के समय क्रियाशील रहना सीख लेना चाहिए।
6. वहाँ प्रेम नहीं है, जहाँ इच्छा नहीं है।
7. उन मंत्रियों से सावधान रहना चाहिए जो बिना पैसों के कुछ नहीं कर सकते , और उनसे भी जो पैसे लेकर कुछ भी करने की इच्छा रखते हैं।
8. क्षमा वीरों का गुण है।
9. शहादत कुछ ख़त्म नहीं करती , वो महज़ शुरआत है।
10. Indira Gandhi, आप बंद मुट्ठी से हाथ नहीं मिला सकते।
11. मेरे सभी खेल राजनीतिक खेल होते थे। मैं जोन ऑफ आर्क की तरह थी , मुझे हमेशा दांव पर लगा दिया जाता था।
12. यदि मैं इस देश की सेवा करते हुए मर भी जाऊँ, मुझे इसका गर्व होगा। मेरे खून की हर एक बूँद …..इस देश की तरक्की में और इसे मजबूत और गतिशील बनाने में योगदान देगी।
13. अगर मैं एक हिंसक मौत मरती हूँ , जैसा की कुछ लोग डर रहे हैं और कुछ षड्यंत्र कर रहे हैं , मुझे पता है कि हिंसा हत्यारों के विचार और कर्म में होगी , मेरे मरने में नहीं।
14. कुछ करने में पूर्वाग्रह है – चलिए अभी कुछ होते हुए देखते हैं। आप उस बड़ी योजना को छोटे – छोटे चरणों में बाँट सकते हैं और पहला कदम तुरंत ही उठा सकते हैं।
15. Indira Gandhi, कभी भी किसी दीवार को तब तक ना गिराओ, जब तक आपको ये पता ना हो कि यह किस काम के लिए खड़ी की गई थी।
16. यह कभी मत भूलों कि जब हम चुप हैं, तो हम एक हैं और जब हम बात करते हैं तो हम दो हैं।
17. संतोष प्राप्ति में नहीं, बल्कि प्रयास में होता है। पूरा प्रयास पूर्ण विजय है।
18. मेरे पिताजी एक राजनेता थे और मैं एक राजनैतिक महिला हूँ, मेरे पिताजी एक संत थे पर मैं संत नहीं हूँ।
19. देशों के बीच के शांति, व्यक्तियों के बीच प्यार की ठोस बुनियाद पर टिकी होती है।
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20. जब मैं सुर्यास्त पर आश्चर्य या चाँद की खुबसूरती की प्रशंसा कर रही होती हूँ, उस समय मेरी आत्मा इन्हें बनाने वाले की पूजा कर रही होती है।
21. Indira Gandhi, यह कभी मत भूलों कि जब हम चुप हैं, तो हम एक हैं और जब हम बात करते हैं तो हम दो हैं।
22. भारत में कोई राजनेता इतना साहसी नहीं है कि वो लोगों को यह समझाने का प्रयास कर सके कि गायों को खाया जा सकता है।