Mahadevi Verma को हिन्दी की सर्वाधिक प्रतिभावान कवित्रियों में से एक माना जाता हैं। वे हिन्दी साहित्य में छायावादी युग के चार प्रमुख स्तंभों में से एक मानी जाती हैं।
आधुनिक हिन्दी की सबसे सशक्त कवित्रियों में से एक होने के कारण उन्हें आधुनिक मीरा के नाम से भी जाना जाता है। कवि निराला ने उन्हें “हिन्दी के विशाल मन्दिर की सरस्वती” भी कहा है।
महादेवी ने स्वतंत्रता के पहले का भारत भी देखा और उसके बाद का भी। वे उन कवियों में से एक हैं जिन्होंने व्यापक समाज में काम करते हुए भारत के भीतर विद्यमान हाहाकार, रुदन को देखा, परखा और करुण होकर अन्धकार को दूर करने वाली दृष्टि देने की कोशिश की। न केवल उनका काव्य बल्कि उनके सामाजसुधार के कार्य और महिलाओं के प्रति चेतना भावना भी इस दृष्टि से प्रभावित रहे।
उन्होंने मन की पीड़ा को इतने स्नेह और शृंगार से सजाया कि दीपशिखा में वह जन-जन की पीड़ा के रूप में स्थापित हुई और उसने केवल पाठकों को ही नहीं समीक्षकों को भी गहराई तक प्रभावित किया।
इनका जन्म 26 March 1907 को फर्रुखाबाद , उत्तर प्रदेश, भारत में तथा मृत्यु 11 September 1987 को इलाहाबाद , उत्तर प्रदेश , भारत में हुआ था।
Mahadevi Verma quotes and story in hindi
1. एक निर्दोष के प्राण बचानेवाला असत्य उसकी अहिंसा का कारण बनने वाले सत्य से श्रेष्ठ होता है।
2. जीवन में कला का सच, सुन्दरता के माध्यम से व्यक्त किये गये सच से अखंड होता है।
3. मैं किसी कर्मकांड में विश्वास नहीं करती। मैं मुक्ति को नहीं, इस धूल को अधिक चाहती हूँ।
चाणक्य के उपदेश हिन्दी में
4. वे खिलते पुष्प जिन्हें मुरझाना नहीं आता, और वे दीप जिन्हें बुझना नहीं आता, कितने अद्भुत प्रतीत होते हैं।
5. Mahadevi Verma, यदि अपने आप स्वीकार हो, तो घर की संचालिका का कर्तव्य कम जरुरी नहीं है।
6. आज हिन्दू औरतें जिन्दा लाश की तरह हैं।
7. प्रत्येक गृहस्वामी अपने गृह का राजा और उसकी पत्नी रानी है। कोई गुप्तचर, चाहे देश के राजा का ही क्यों न हो, यदि उसके निजी वार्ता को सार्वजनिक घटना के रूप में प्रचारित कर दे, तो उसे गुप्तचर का अनाधिकार , दुष्टाचरण ही कहा जाएगा।
8. विज्ञान एक क्रियात्मक प्रयोग है।
9. प्रत्येक विज्ञान में क्रियात्मक कला का कुछ अंश अवश्य होता है।
10. Mahadevi Verma, क्या हमारा जीवन सबका संकट सहने के लिए है?
William shakespeare motivational quotes in hindi
11. अपने विषय में कुछ कहना पड़े। बहुत कठिन हो जाता है क्योंकि अपने दोष देखना आपको अप्रिय लगता है और उनको अनदेखा करना औरों को।
12. मैं किसी रीती रिवाजों में विश्वास नहीं करती। मैं मोक्ष को नहीं मिट्टी को ज्यादा पसंद करती हूँ।