40 Bhagavad gita quotes in hindi | गीता के सत्य वचन | भगवत गीता स्टेटस

महाभारत

कुरुक्षेत्र की युद्धभूमि में श्रीकृष्ण ने अर्जुन को जो उपदेश दिया था वह श्रीमद्भगवदगीता के नाम से प्रसिद्ध है। यह महाभारत के भीष्मपर्व का अंग है।

 

Bhagavad gita quotes in hindi | गीता के सत्य वचन

 

1. हर व्यक्ति का विश्वास उसकी प्रकृति के अनुसार होता है।

 

2. जन्म लेने वाले के लिए मृत्यु उतनी ही निश्चित है जितना कि मृत होने वाले के लिए जन्म लेना। इसलिए जो अपरिहार्य है उस पर शोक मत करो।

 

3. मैं उन्हें ज्ञान देता हूँ जो सदा मुझसे जुड़े रहते हैं और जो मुझसे प्रेम करते हैं।

 

4. प्रबुद्ध व्यक्ति सिवाय ईश्वर के किसी और पर निर्भर नहीं करता।

 

5. भगवान प्रत्येक वस्तु में है और सबके ऊपर भी।

 

6. तुम उसके लिए शोक करते हो जो शोक करने के योग्य नहीं हैं, और फिर भी ज्ञान की बाते करते हो। बुद्धिमान व्यक्ति ना जीवित और ना ही मृत व्यक्ति के लिए शोक करते हैं।

 

7. कभी ऐसा समय नहीं था जब मैं, तुम,या ये राजा-महाराजा अस्तित्व में नहीं थे, ना ही भविष्य में कभी ऐसा होगा कि हमारा अस्तित्व समाप्त हो जाये।

 

8. हे अर्जुन! हम दोनों ने कई जन्म लिए हैं। मुझे याद हैं, लेकिन तुम्हे नहीं।

 

9. जो व्यक्ति आध्यात्मिक जागरूकता के शिखर तक पहुँच चुके हैं , उनका मार्ग है निःस्वार्थ कर्म। जो भगवान् के साथ संयोजित हो चुके हैं उनका मार्ग है स्थिरता और शांति।

 

10. Sri Bhagavad Gita, जब वे अपने कार्य में आनंद खोज लेते हैं तब वे पूर्णता प्राप्त करते हैं।

 

Bhagavad gita thoughts in hindi

 

11. मेरे लिए ना कोई घृणित है ना प्रिय। किन्तु जो व्यक्ति भक्ति के साथ मेरी पूजा करते हैं , वो मेरे साथ हैं और मैं भी उनके साथ हूँ।

 

12. जो कोई भी जिस किसी भी देवता की पूजा विश्वास के साथ करने की इच्छा रखता है, मैं उसका विश्वास उसी देवता में दृढ कर देता हूँ।

 

13. स्वर्ग प्राप्त करने और वहाँ कई वर्षों तक वास करने के पश्चात एक असफल योगी का पुन: एक पवित्र और समृद्ध कुटुंब में जन्म होता है।

 

14.  मैं सभी प्राणियों के ह्रदय में विद्यमान हूँ।

 

15. ऐसा कुछ भी नहीं , चेतन या अचेतन , जो मेरे बिना अस्तित्व में रह सकता हो।

 

16. वह जो मृत्यु के समय मुझे स्मरण करते हुए अपना शरीर त्यागता है, वह मेरे धाम को प्राप्त होता है। इसमें कोई शंशय नहीं है।

 

17. वह जो इस ज्ञान में विश्वास नहीं रखते, मुझे प्राप्त किये बिना जन्म और मृत्यु के चक्र का अनुगमन करते हैं।

 

18. मैं धरती की मधुर सुगंध हूँ। मैं अग्नि की ऊष्मा हूँ, सभी जीवित प्राणियों का जीवन और सन्यासियों का आत्मसंयम हूँ।

 

19. Sri Bhagavad Gita, बुद्धिमान व्यक्ति कामुक सुख में आनंद नहीं लेता।

 

20. हे अर्जुन, केवल भाग्यशाली योद्धा ही ऐसा युद्ध लड़ने का अवसर पाते हैं जो स्वर्ग के द्वार के सामान है।

 

Bhagavad gita status in hindi

 

21. मैं सभी प्राणियों को सामान रूप से देखता हूँ; ना कोई मुझे कम प्रिय है ना अधिक। लेकिन जो मेरी प्रेमपूर्वक आराधना करते हैं वो मेरे भीतर रहते हैं और मैं उनके जीवन में आता हूँ।

 

22. सभी अच्छे काम छोड़ कर बस भगवान में पूर्ण रूप से समर्पित हो जाओ। मैं तुम्हे सभी पापों से मुक्त कर दूंगा। शोक मत करो।

 

23. उससे मत डरो जो वास्तविक नहीं है, ना कभी था ना कभी होगा। जो वास्तविक है, वो हमेशा था और उसे कभी नष्ट नहीं किया जा सकता।

 

24. व्यक्ति जो चाहे बन सकता है यदी वह विश्वास के साथ इच्छित वस्तु पर लगातार चिंतन करे।

 

25. प्रबुद्ध व्यक्ति के लिए, गंदगी का ढेर, पत्थर, और सोना सभी समान हैं।

 

26. लोग आपके अपमान के बारे में हमेशा बात करेंगे। सम्मानित व्यक्ति के लिए, अपमान मृत्यु से भी बदतर है।

 

27. नर्क के तीन द्वार हैं: वासना, क्रोध और लालच।

 

28. मनुष्य अपने विश्वास से निर्मित होता है। जैसा वो विश्वास करता है वैसा वो बन जाता है।

 

29. Sri Bhagavad Gita, सदैव संदेह करने वाले व्यक्ति के लिए प्रसन्नता ना इस लोक में है ना ही कहीं और।

 

30. क्रोध से भ्रम पैदा होता है। भ्रम से बुद्धि व्यग्र होती है। जब बुद्धि व्यग्र होती है तब तर्क नष्ट हो जाता है। जब तर्क नष्ट होता है तब व्यक्ति का पतन हो जाता है।

 

Bhagavad gita quotes in hindi

 

31. जो मन को नियंत्रित नहीं करते उनके लिए वह शत्रु के समान कार्य करता है।

 

32. अपने अनिवार्य कार्य करो, क्योंकि वास्तव में कार्य करना निष्क्रियता से बेहतर है।

 

33. किसी और का काम पूर्णता से करने से कहीं अच्छा है कि अपना काम करें, भले ही उसे अपूर्णता से करना पड़े।

 

34. वह जो वास्तविकता में मेरे उत्कृष्ट जन्म और गतिविधियों को समझता है, वह शरीर त्यागने के बाद पुनः जन्म नहीं लेता और मेरे धाम को प्राप्त होता है।

 

35.  कर्म उसे नहीं बांधता जिसने काम का त्याग कर दिया है।

 

Gita Bhagavad gita quotes in hindi

 

 

36. Sri Bhagavad Gita, कर्म योग वास्तव में एक परम रहस्य है।

 

37. वह जो सभी इच्छाएँ त्याग देता है और “मैं ” और “मेरा ” की लालसा और भावना से मुक्त हो जाता है उसे शांती प्राप्त होती है।

 

38. जो इस लोक में अपने काम की सफलता की कामना रखते हैं वे देवताओं का पूजन करें।

 

39. मैं ऊष्मा देता हूँ, मैं वर्षा करता हूँ और रोकता भी हूँ, मैं अमरत्व भी हूँ और मृत्यु भी।

 

40. मन अशांत है और उसे नियंत्रित करना कठिन है, लेकिन अभ्यास से इसे वश में किया जा सकता है। 

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Author: Kumar

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