Chanakya status in hindi
51. लोभ द्वारा शत्रु को भी भ्रष्ट किया जा सकता है।
52. जुगनू कितना भी चमकीला हो, पर उससे आग का काम नहीं लिया जा सकता।
53. दुर्जन व्यक्ति के साथ अपने भाग्य को नहीं जोड़ना चाहिए। सदाचार से मनुष्य का यश और आयु दोनों बढ़ती है।
54. अपने व्यवसाय में सफल नीच व्यक्ति को भी साझीदार नहीं बनाना चाहिए।
55. शास्त्र का ज्ञान आलसी को नहीं हो सकता।
56. मुर्ख व्यक्ति उपकार करने वाले का भी अपकार करता है। इसके विपरीत जो इसके विरुद्ध आचरण करता है, वह विद्वान कहलाता है।
57. अज्ञानी लोगों द्वारा प्रचारित बातों पर चलने से जीवन व्यर्थ हो जाता है।
58. अग्नि के समान तेजस्वी जानकर ही किसी का सहारा लेना चाहिए।
59. भूख के समान कोई दूसरा शत्रु नहीं है। अन्न के सिवाय कोई दूसरा धन नहीं है।
60. श्रेष्ठ स्त्री के लिए पति ही परमेश्वर है। पति का अनुगमन करना, इहलोक और परलोक दोनों का सुख प्राप्त करना है।
चाणक्य के अनमोल वचन
61. Chanakya, धन के नशे में अंधा व्यक्ति हितकारी बातें नहीं सुनता और न अपने निकट किसी को देखता है।
62. केवल आशा के सहारे ही लक्ष्मी प्राप्त नहीं होती। आशा के साथ धैर्य नहीं होता। निर्धन होकर जीने से तो मर जाना अच्छा है।
63. प्रातःकाल ही दिन-भर के कार्यों के बारें में विचार कर लें।
64. इन्द्रियों को वश में करना ही तप का सार है। स्त्री के बंधन से छूटना अथवा मोक्ष पाना अत्यंत कठिन है।
65. राजा अपने गुप्तचरों द्वारा अपने राज्य में होने वाली दूर की घटनाओ को भी जान लेता है।
66. अकारण किसी के घर में प्रवेश न करें। संसार में लोग जान-बूझकर अपराध की ओर बढ़ते हैं।
67. जो सुख मिला है, उसे न छोड़े। मनुष्य स्वयं ही दुःखों को बुलाता है।
68. जैसा शरीर होता है वैसा ही ज्ञान होता है। जैसी बुद्धि होती है, वैसा ही वैभव होता है।
69. Chanakya, जल में मूत्र त्याग नहीं करना चाहिए। नग्न होकर जल में प्रवेश न करें।
70. गाय के पीछे चलते बछड़े के समान सुख-दुःख भी आदमी के साथ जीवन भर चलते है।
Chanakya motivational quotes in hindi
71. पुत्र के बिना स्वर्ग की प्राप्ति नहीं होती। संतान को जन्म देने वाली स्त्री पत्नी कहलाती है।
72. राजा से बड़ा कोई देवता नहीं। राजा के पास खाली हाथ कभी नहीं जाना चाहिए।
73. शांतिपूर्ण देश में ही रहें। जहां सज्जन रहते हों, वहीं बसें। राजा की आज्ञा से सदैव डरते रहे।
74. मुर्ख व्यक्ति को अपने दोष दिखाई नहीं देते, उसे दूसरे के दोष ही दिखाई देते हैं।
75. मर्यादा का कभी उल्लंघन न करें। विद्वान और प्रबुद्ध व्यक्ति समाज के रत्न है।
76. पुष्पहीन होने पर सदा साथ रहने वाला भौरा वृक्ष को त्याग देता है।
77. लोभ बुद्धि पर छा जाता है, अर्थात बुद्धि को नष्ट कर देता है।
78. चालाक और लोभी बेकार में घनिष्ठता को बढ़ाते है।
79. दूध में मिला जल भी दूध बन जाता है। कार्य करते समय शत्रु का साथ नहीं करना चाहिए।
80. दंड का भय न होने से लोग अकार्य करने लगते है। दण्डनीति से आत्मरक्षा की जा सकती है।
Chanakya niti quotes in hindi
81. Chanakya, सभा के मध्य शत्रु पर क्रोध न करें।
82. न जाने योग्य जगहों पर जाने से आयु, यश और पुण्य क्षीण हो जाते है।
83. साधू पुरुष किसी के भी धन को अपना नहीं मानते है। दूसरे के धन अथवा वैभव का लालच नहीं करना चाहिए।
84. संतुलित दिमाग जैसी कोई सादगी नहीं है, संतोष जैसा कोई सुख नहीं है, लोभ जैसी कोई बीमारी नहीं है, और दया जैसा कोई पुण्य नहीं है।
85. Chanakya, दुनिया की सबसे बड़ी शक्ति नौजवानी और औरत की सुन्दरता है।
86. पहले पाँच सालों में अपने बच्चे को बड़े प्यार से रखिये। अगले पाँच साल उन्हें डांट-डपट के रखिये। जब वह सोलह साल का हो जाये तो उसके साथ एक मित्र की तरह व्यवहार करिए। आपके वयस्क बच्चे ही आपके सबसे अच्छे मित्र हैं।
87. व्यक्ति अकेले पैदा होता है और अकेले मर जाता है। और वो अपने अच्छे और बुरे कर्मों का फल खुद ही भुगतता है, और वह अकेले ही नर्क या स्वर्ग जाता है।
88. शिक्षा सबसे अच्छी मित्र है। एक शिक्षित व्यक्ति हर जगह सम्मान पाता है। शिक्षा सौंदर्य और यौवन को परास्त कर देती है।
89. जब तक आपका शरीर स्वस्थ और नियंत्रण में है और मृत्यु दूर है, अपनी आत्मा को बचाने कि कोशिश कीजिये। जब मृत्यु सर पर आजायेगी तब आप क्या कर पाएंगे?
90. सर्प, नृप, शेर, डंक मारने वाले ततैया, छोटे बच्चे, दूसरों के कुत्तों, और एक मूर्ख: इन सातों को नींद से नहीं उठाना चाहिए।
चाणक्य के कड़वे वचन
91. जिस प्रकार एक सूखे पेड़ को अगर आग लगा दी जाये तो वह पूरा जंगल जला देता है, उसी प्रकार एक पापी पुत्र पुरे परिवार को बर्वाद कर देता है।
92. Chanakya, धैर्यवान व्यक्ति अपने धैर्ये से रोगों को भी जीत लेता है।
93. हर मित्रता के पीछे कोई ना कोई स्वार्थ होता है। ऐसी कोई मित्रता नहीं जिसमे स्वार्थ ना हो। यह कड़वा सच है।
94. वेश्याएँ निर्धनों के साथ नहीं रहतीं, नागरिक कमजोर संगठन का समर्थन नहीं करते, और पक्षी उस पेड़ पर घोंसला नहीं बनाते जिस पे फल ना हों।
95. एक उत्कृष्ट बात जो शेर से सीखी जा सकती है वो ये है कि व्यक्ति जो कुछ भी करना चाहता है उसे पूरे दिल और ज़ोरदार प्रयास के साथ करे।
96. जो सुख-शांति व्यक्ति को आध्यात्मिक शान्ति के अमृत से संतुष्ट होने पे मिलती है वो लालची लोगों को बेचैनी से इधर-उधर घूमने से नहीं मिलती।
97. पृथ्वी सत्य की शक्ति द्वारा समर्थित है। ये सत्य की शक्ति ही है जो सूरज को चमक और हवा को वेग देती है। दरअसल सभी चीजें सत्य पर निर्भर करती हैं।
98. वह जो हमारे चिंतन में रहता है वह करीब है, भले ही वास्तविकता में वह बहुत दूर ही क्यों ना हो। लेकिन जो हमारे ह्रदय में नहीं है वो करीब होते हुए भी बहुत दूर होता है।
99. वह जो अपने परिवार से अत्यधिक जुड़ा हुआ है, उसे भय और चिंता का सामना करना पड़ता है, क्योंकि सभी दुखों कि जड़ लगाव है। इसलिए खुश रहने कि लिए लगाव छोड़ देना चाहिए।
100. उपायों को जानने वाला कठिन कार्यों को भी सरल बना लेता है।
101. निर्बल राजा की आज्ञा की भी अवहेलना कदापि नहीं करनी चाहिए। अग्नि में दुर्बलता नहीं होती।