Jesus Christ, यीशु या यीशु मसीह अन्य नाम ईसा मसीह जिन्हें नासरत का यीशु भी कहा जाता है।
ईसाई धर्म के प्रवर्तक हैं। इनका जन्म 7–2 BC Judaea तथा 30–36 AD को हुआ था।
Jesus christ quotes in hindi | यीशु मसीह के अनमोल वचन
1. जिस प्रकार पिता ने मुझसे प्रेम किया है, उसी तरह मैंने तुमसे प्रेम किया है।
2. अपने दिल को आफत में मत डालो। ईश्वर में भरोसा रखो। मुझमे भी भरोसा रखों।
3. Jesus Christ, भला उस आदमी को क्या लाभ , यदि वह पूरी दुनिया पा जाये और अपनी आत्मा खोने की पीड़ा सहे ?
4. यदि तुम उनसे प्रेम करते हो जो तुमसे प्रेम करते हैं, तुम्हे इसका क्या श्रेय मिलेगा ? क्योंकि पापी भी उससे प्रेम करते हैं जो उनसे प्रेम करता है। और यदि तुम उनका भला करते हो जो तुम्हारा भला करते हैं, तो तुम्हे इसका क्या श्रेय मिलेगा ? क्योंकि पापी भी यही करते हैं।
5. मनुष्य को सिर्फ रोटी के लिए नहीं जीना चाहिए, बल्कि ईश्वर के मुख से निकले हुए हर शब्द के मुताबिक जीना चाहिए।
Jesus christ thoughts in hindi
6. मेरे लिए दरवाजे खोलो, जैसे मैंने खुद को तुम्हारे लिए खोला है।
7. इसलिए मैं तुमसे कहता हूँ, मांगों और तुम्हे ये दिया जायेगा। खोजो, और तुम्हे मिलेगा। खटखटाओ, और तुम्हारे लिए दरवाजे खोल दिए जायेंगे।
8. जो भी तुमसे मांगता है उसे दो, और जो तुम्हारा सामान ले जाएं उनसे दुबारा मत पूछो और जैसा व्यवहार तुम उन लोगों से चाहते हो , वैसा उनके साथ करो।
9. हर कोई जो स्वयं की प्रशंशा करता है उसे विनम्र किया जाएगा, और हर कोई जो स्वयं को विनम्र करता है उसकी प्रशंसा होगी।
10. लेकिन मैं तुमसे कहता हूँ, अपने दुश्मनों से प्रेम करो और उनके लिए प्रार्थना करो जो तुम्हे सताते हैं, ताकि तुम उस पिता की संतान बन सको जो स्वर्ग में है। क्योंकि वह अपना सूर्य बुराई और अच्छाई दोनों पर उदय करता है, और न्यायी अन्यायी दोनों पर वर्षा करता है।
11. Jesus Christ, स्वर्ग में और पृथ्वी पर सारे अधिकार मुझे दिए गए हैं।
12. मैं तुम्हे एक नया आदेश देता हूँ। एक दूसरे से प्रेम करो। जैसे मैंने तुमसे प्रेम किया है, तुम एक दूसरे से प्रेम करो।
Jesus christ status in hindi
13. चलो तुममे से एक जो पापी न हो वो पत्थर मारने वाला पहला व्यक्ति हो।
14. Jesus Christ, जो तुम्हारे अन्दर है उसे बाहर लाओ यही तुम्हे बचाएगा। अगर जो तुम्हारे अन्दर है उसे बाहर नहीं लाते तो वह तुमको नष्ट कर देगा।
15. मनुष्य को सिर्फ रोटी के लिए नही जीना है बल्कि ईश्वर के बताये रास्ते पर चलना ही जिन्दगी है।
16. शत्रु से प्रेम करना और घृणा रखने वालो के प्रति भी मधुर होना आपके विनम्र होने का परिचायक है।
17. कल को सोचकर चिंतित मत होना, हर दिन की अपनी परेशानी होती है जो दिन खत्म होने के साथ चली भी जाती है।