Karl Marx एक समाजशास्त्री, दर्शनशास्त्री, अर्थशास्त्री और एक क्रांतिकारी समाजवादी थे। कार्ल मार्क्स का जन्म 5 may 1818 में तथा मृत्यु 14 march 1883 में हुआ था।
कार्ल मार्क्स के अनमोल विचार | Karl marx quotes in hindi
1. इतिहास खुद को दोहराता है, पहले एक त्रासदी की तरह, दुसरे एक मज़ाक की तरह।
2. Karl Marx, हर चीज़ पर सवाल करो।
3. कोई भी जो इतिहास की कुछ जानकारी रखता है वो ये जानता है कि महान सामाजिक बदलाव बिना महिलाओं के उत्थान के असंभव हैं, सामाजिक प्रगति महिलाओं की सामाजिक स्थिति, जिसमें बुरी दिखने वाली महिलाएं भी शामिल हैं, को देखकर मापी जा सकती है।
4. हर किसी से उसकी क्षमता के अनुसार, हर किसी को उसकी ज़रुरत के अनुसार।
5. Karl Marx, लोकतंत्र समाजवाद का रास्ता है।
6. पूँजी मृत श्रम है, जो पिशाच की तरह केवल जीवित श्रमिकों का खुन चूस कर जिंदा रहता है, और जितना अधिक ये जिंदा रहता है उतना ही अधिक श्रमिकों को चूसता है।
7. दुनिया के मजदूरों एकजुट हो जाओ, तुम्हारे पास खोने के लिए कुछ भी नहीं है, सिवाय अपनी जंजीरों के।
कार्ल मार्क्स के अनमोल विचार | karl marx quotes in hindi
8. धर्म लोगों का अफीम है।
9. शाशक वर्ग को कम्युनिस्ट क्रांति के डर से कांपने दो, मजदूरों के पास अपनी जंजीरों के आलावा और कुछ भी खोने को नहीं है, उनके पास जीतने को एक दुनिया है, सभी देश के कामगारों एकजुट हो जाओ।
10. धर्म मानव मस्तिष्क जो न समझ सके उससे निपटने की नपुंसकता है।
11. सामाजिक प्रगति समाज में महिलाओं को मिले स्थान से मापी जा सकती है।
12. साम्यवाद के सिध्दांत का एक वाक्य में अभिव्यक्त किया जा सकता है, सभी निजी संपत्ति को ख़त्म किया जाए।
13. Karl Marx, नौकरशाह के लिए दुनिया महज एक हेर-फेर करने की वस्तु है।
14. इतिहास कुछ भी नहीं करता, उसके पास आपार धन नहीं होता, वो लड़ाईयाँ नहीं लड़ता, वो तो मनुष्य हैं, वास्तविक, जीवित, जो ये सब करते हैं।
Karl marx quotes in hindi
15. शांति का अर्थ साम्यवाद के विरोध का नहीं होना है।
16. Karl Marx अगर कोई चीज़ निश्चित है तो ये कि मैं खुद एक मार्क्सवादी नहीं हूँ।
17. अनुभव उस व्यक्ति की प्रशंसा करता है जिसने ज्यादातर लोगों को ख़ुशी दिया हो।
18. पिछले सभी समाजों का इतिहास वर्ग संघर्ष का इतिहास रहा है।
19. बिना उपयोगिता के किसी भी वस्तु का मूल्य नहीं होता।
20. बिना किसी शक के मशीनों ने समृध्द आलसियों की संख्या बहुत अधिक बढ़ा दी है।
21. जो चेतना श्रमिकों के हाथों के माध्यम से रेलवे का निर्माण करती है वही दार्शनिकों के मस्तिष्क में दार्शनिक प्रणालियाँ भी निर्मित करती है। विश्व से परे दर्शन का कोई अस्तित्व नहीं होता, ठीक वैसे ही जैसे मनुष्य के परे मस्तिष्क का अस्तित्व नहीं होता।
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