Osho Rajneesh एक भारतीय विचारक, धर्मगुरु और रजनीश आंदोलन के प्रणेता-नेता थे। जिन्हें क्रमशः भगवान श्री रजनीश, ओशो रजनीश या केवल रजनीश के नाम से भी जाना जाता है।
ओशो रजनीश का जन्म 11 December 1931 को तथा मृृत्यु 19 January 1990 को हुआ था।
Contents
- 1 Osho Rajneesh quotes & thoughts & status in hindi | ओशो अनमोल वचन हिन्दी में | ओशो कोट्स इन हिंदी
- 2 5. केवल वो लोग जो कुछ भी नहीं बनने के लिए तैयार हैं, प्रेम कर सकते हैं।
- 3 osho quotes inhindi
- 4 19. जब प्यार और नफरत दोनों ही ना हो तो हर चीज साफ़ और स्पष्ट हो जाती है।
- 5 30. सम्बन्ध उनकी ज़रुरत हैं जो अकेले नहीं रह सकते।
- 6 best osho thoughts in hindi
- 7 Top osho quotes & thoughts in hindi
- 8 osho quotes in hindi for students
- 9 Impotant link
Osho Rajneesh quotes & thoughts & status in hindi | ओशो अनमोल वचन हिन्दी में | ओशो कोट्स इन हिंदी
1. अगर आप सच देखना चाहते हैं तो ना सहमती और ना असहमति में राय रखिये।
2. मनुष्य का हमेशा डर के माध्यम से शोषण किया जाता है।
3. कोई चुनाव मत करिए। जीवन को ऐसे अपनाइए जैसे वो अपनी समग्रता में है।
4. Osho Rajneesh, सत्य कुछ बाहरी नहीं है जिसे खोजा जाना है, ये कुछ अंदरूनी है जिसका एहसास किया जाना है।
5. केवल वो लोग जो कुछ भी नहीं बनने के लिए तैयार हैं, प्रेम कर सकते हैं।
6. क्योंकि कोई आपको नफरत के बारे में पढ़ाता नहीं है, इसलिए नफरत एकदम शुद्ध, बिना मिलावट के रह गयी है। जब कोई आपसे नफरत करता है, आप भरोसा कर सकते हैं कि वो आपसे नफरत करता है।
7. Osho Rajneesh, अपनी यूनीकनेस का सम्मान करें, और तुलना करना छोडें। आप जो हैं उसमे रिलैक्स रहें।
8. आप वो बन जाते हैं जो आप सोचते हैं कि आप हैं।
9. अगर आप बिना प्रेम के काम करते हैं तो आप एक गुलाम की तरह काम कर रहे हैं। जब आप प्रेम के साथ काम करते हैं, तब आप एक राजा की तरह काम करते हैं, आपका काम आपकी ख़ुशी है, आपका काम आपका डांस है।
10. जीवन नियमों के बिना अस्तित्व में है। खेल नियमों के बिना अस्तित्व में नहीं हो सकते। केवल झूठे धर्मों के नियम होते हैं, क्योंकि झूठे धर्म एक खेल हैं।
11. जीवन ठहराव और गति के बीच का संतुलन है।
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12. नहीं, मैं अपने लोगों को लाठियां नहीं देना चाहता। मैं उन्हें आँखें देना चाहता हूँ।
13. प्रेम तब खुश होता है जब वो कुछ दे पाता है। अहंकार तब खुश होता है जब वो कुछ ले पाता है।
14. जैन लोग बुद्ध को इतना प्रेम करते हैं कि वो उनका मज़ाक भी उड़ा सकते हैं। ये अथाह प्रेम कि वजह से है, उनमें डर नहीं है।
15. Osho Rajneesh, प्रसन्नता सद्भाव की छाया है वो सद्भाव का पीछा करती है। प्रसन्न रहने का कोई और तरीका नहीं है।
16. कोई चुनाव मत करिए। जीवन को ऐसे अपनाइए जैसे वो अपनी समग्रता में है।
17. आप बाहरी रूप को बदलते हुए कई जिंदगियां लगा देंगे फिर भी कभी संतुष्ट नहीं हो पायेंगे, जबतक कि भीतर बदलाव नहीं होगा, बाहर कभी भी परफेक्ट नहीं हो सकता है।
18. ये इम्पेर्फेक्ट है, और इसीलिए ये ग्रो कर रहा है। अगर ये परफेक्ट होता तो ये मर चुका होता। ग्रोथ तभी संभव है जब इम्पेर्फेक्शन हो।
19. जब प्यार और नफरत दोनों ही ना हो तो हर चीज साफ़ और स्पष्ट हो जाती है।
20. जीवन ठहराव और गति के बीच का संतुलन है।
21. Osho Rajneesh, जीवन कोई त्रासदी नहीं है। ये एक हास्य है। जीवित रहने का मतलब है, हास्य का बोध होना।
22. अधिक से अधिक भोले, कम ज्ञानी और बच्चों की तरह बनिए। जीवन को मजे के रूप में लीजिये क्योंकि वास्तविकता में यही जीवन है।
23. शेयर करना सबसे मूल्यवान धार्मिक अनुभव है। शेयर करना अच्छा है।
24. एक गंभीर व्यक्ति कभी मासूम नहीं हो सकता, और जो मासूम है वो कभी गंभीर नहीं हो सकता।
25. मूर्ख दूसरों पर हँसते हैं। बुद्धिमत्ता खुद पर।
26. उस तरह मत चलिए जिस तरह डर आपको चलाये। उस तरह चलिए जिस तरह प्रेम आपको चलाये। उस तरह चलिए जिस तरह ख़ुशी आपको चलाये।
27. किसी से किसी भी तरह की प्रतिस्पर्धा की आवश्यकता नहीं है। आप स्वयं में जैसे हैं एकदम सही हैं। खुद को स्वीकारिये।
28. आप जितने लोगों को चाहें उतने लोगों को प्रेम कर सकते हैं। इसका ये मतलब नहीं है कि आप एक दिन दिवालिया हो जायेंगे, और कहेंगे, “अब मेरे पास प्रेम नहीं है” जहाँ तक प्रेम का सवाल है आप दिवालिया नहीं हो सकते।
29. Osho Rajneesh, आकाश में एक अकेले ऊँचे शिखर की तरह रहो।
30. सम्बन्ध उनकी ज़रुरत हैं जो अकेले नहीं रह सकते।
31. मनुष्य केवल संभावित रूप में जन्म लेता है। वह अपने और दूसरों के लिए एक कांटा बन सकता है, वह खुद और दूसरों के लिए एक फूल भी बन सकता है।
32. जैसे-जैसे आप अधिक जागरुक होते जाते हैं इच्छाएं गायब होती जाती हैं। जब जागरूकता 100% हो जाती है, तब कोई इच्छा नहीं रह जाती।
33. सवाल ये नहीं है कि कितना सीखा जा सकता है… इसके उलट , सवाल ये है कि कितना भुलाया जा सकता है।
34. मित्रता शुद्धतम प्रेम है। ये प्रेम का सर्वोच्च रूप है जहाँ कुछ भी नहीं माँगा जाता, कोई शर्त नहीं होती, जहाँ बस देने में आनंद आता है।
35. Osho Rajneesh, कोई प्रबुद्ध कैसे महान बन सकता है? बन सकता है, क्योंकि वो प्रबुद्ध होता है उसे बस इस तथ्य को पहचानना होता है।
36. यदि आप एक दर्पण बन सकते हैं तो आप एक ध्यानी बन सकते हैं। ध्यान दर्पण में देखने की कला है। और अब, आपके अन्दर कोई विचार नहीं चलता इसलिए कोई व्याकुलता नहीं होती।
37. जिस दिन आप ने सोच लिया कि आपने ज्ञान पा लिया है, आपकी मृत्यु हो जाती है क्योंकि अब ना कोई आश्चर्य होगा, ना कोई आनंद और ना कोई अचरज। अब आप एक मृत जीवन जियेंगे।
38. खुद को वैसे स्वीकार करें जैसे आप हैं। और ये दुनिया का सबसे कठिन काम है, क्योंकि ये आपकी ट्रेनिंग, एजुकेशन, और कल्चर के खिलाफ है।
39. बीते हुए कल के कारण बेकार में बोझिल ना हों। जो पाठ आपने पढ़ लिए हैं उन्हें बंद करते जाएं। बार-बार उन पर जाने की ज़रुरत नहीं है।
best osho thoughts in hindi
40. वो जो आपको दुखी बनाता है केवल वही पाप है। वो जो आपको खुद से दूर ले जाता है केवल उसी से बचने की ज़रूरत है।
41. Osho Rajneesh, आत्मज्ञान एक समझ है कि यही सबकुछ है, यही बिलकुल सही है, बस यही है। आत्मज्ञान कोई उप्लाब्धि नही है, यह ये जानना है कि ना कुछ पाना है और ना कहीं जाना है।
42. नरक हमारी रचना है, और हम असंभव करने का प्रयास कर नरक बनाते हैं। स्वर्ग हमारी प्रकृति है, यह हमारी सहजता है। ये वो जगह है जहाँ हम हमेंशा होते हैं।
43. सच्चा प्रेम अकेलेपन से बचना नहीं है, सच्चा प्रेम बहता हुआ अकेलापन है। अकेले रहने में कोई इतना खुश रहता है कि वो इसे बांटना चाहता है।
44. जब आप अलग हैं, तो पूरी दुनिया अलग है। ये दूसरी दुनिया बनाने का सवाल नहीं है। ये केवल एक अलग आप बनाने का सवाल है।
45. खुद को खोजिये, नहीं तो आपको दुसरे लोगों के राय पर निर्भर रहना पड़ेगा जो खुद को नहीं जानते।
46. Osho Rajneesh, ये मायने नहीं रखता है कि आप गुलाब हैं या कमल हैं या मैरीगोल्ड हैं। मायने ये रखता है कि आप कुसुमित हो रहे हैं।
47. जब मैं कहता हूँ कि आप देवी-देवता हैं तो मेरा मतलब होता है कि आप में अनंत संभावनाएं है, आपकी क्षमताएं अनंत हैं।
48. अर्थ मनुष्य द्वारा बनाये गए हैं। और चूँकि आप लगातार अर्थ जानने में लगे रहते हैं। इसलिए आप अर्थहीन महसूस करने लगते हैं।
49. जेन एकमात्र धर्म है जो एकाएक आत्मज्ञान सीखता है। इसका कहना है कि आत्मज्ञान में समय नहीं लगता, ये बस कुछ ही क्षणों में हो सकता है।
Top osho quotes & thoughts in hindi
50. कभी ये मत पूछो, “मेरा सच्चा दोस्त कौन है?” पूछो, “क्या मैं किसी का सच्चा दोस्त हूँ?” ये सही प्रश्न है।
51. गंभीरता एक बीमारी है, आत्मा की सबसे बड़ी बीमारी और चंचलता सबसे बड़ी सेहत है।
52. Osho Rajneesh, आपका विवाह राजनीतिक शासन करने का छोटा रूप है। जिसमें आपके माता और पिता छोटे राजनेता होते है।
53. आपके सारे विश्वास आपका दम घोटते चले जाते है (विकास रोकना) और सारे विश्वास आपको जिंदा भी नहीं रख सकते। आपका विश्वास ही आपके जीवन को मारता है।
54. अपने रिश्ते में हमेशा सुखद रहे, तनहाई में हमेंशा सतर्क रहे। ये दोनों बातें आपके लिए हमेंशा मददगार साबित होंगी क्योंकि ये बाते एक पक्षी के दो पंखों के समान है।
55. Osho Rajneesh, असली सवाल यह है की भीतर तुम क्या हो? अगर भीतर गलत हो तो तुम जो भी करोगे, उससे गलत फलित होगा। अगर तुम भीतर सही हो तो तुम जो भी करोगे, वह सही फलित होगा।
56. अज्ञानी बने रहना अच्छा है, कम से कम अज्ञान तो इसमें आपका होता है। ये प्रामाणिक है, यही सच, वास्तविकता और ईमानदारी है।
57. एक बच्चे को विशाल एकांतता की जरूरत होती है, उसे ज्यादा से ज्यादा एकांतता में रहने देना चाहिये, ताकि वह अपने आप को विकसित कर सके।
58. जिंदगी एक आईना है, जो हमारे ही चेहरे की प्रति कृति दिखाता है। जिंदगी में हमेशा दोस्ती से रहे तब तभी आपके जीवन में मित्रता बनी रहेंगी।
59. अपने जीवन को संगीतपूर्ण बनाओ, ताकि काव्य का जन्म हो सके। और फिर सौदर्य ही सौंदर्य है, और सौदर्य ही परमात्मा का स्वरूप है।
60. Osho Rajneesh, संसार सुन्दर है क्योंकि इसे ईश्वर ने बनाया है। जो संसार को गंदा कहता है, वह ईश्वर का तिरस्कार कर रहा है।
osho quotes in hindi for students
61. जीवन क्या है? कुछ नहीं, ठेहराव और गति के बीच का संतुलन।
62. मनुष्य खुद ईश्वर तक नहीं पहुंचता है, बल्कि जब वह तैयार होता है तो ईश्वर खुद उसके पास आ जाते है।
63. अगर आप सही में सच देखना चाहते हैं तो आप ना सहमती और ना असहमति में राय रखिये।
64. बहुत सुन्दर शब्द जो एक मंदिर के दरवाजे़ पर लिखे थे। “ठोकरे खा कर भी ना संभले तो मुसाफ़िर का नसीब, वरना पत्थरों ने तो अपना फर्ज निभा ही दिया!” (ओशो के एक व्याख्यान से)
65. मैं तो दो ही शब्दों पर जोर देता हूँ। प्रेम और ध्यान। क्योंकि मेरे लिए अस्तित्व के मंदिर के दो ही विराट दरवाजे हैं। एक का नाम प्रेम, एक का नाम ध्यान। चाहो तो प्रेम से प्रवेश कर जाओ, चाहो तो ध्यान से प्रवेश कर जाओ। शर्त एक ही हैः अहंकार दोनों में छोड़ना होता है।
66. Osho Rajneesh, इस संसार में मित्रता शुद्धतम् प्रेम है, मित्रता प्रेम का सर्वोच्च रूप है जहाँ कुछ भी मांगा नहीं जाता, कोई शर्त नहीं होती, जहाँ बस दिया जाता है।
67. बड़ा सवाल ये नहीं है कि कितना सीखा जा सकता है…. इसके उलट, सवाल ये है कि कितना भुलाया जा सकता है।
68. शायद मुझे अब तक सबसे अधिक गलत समझा गया है लेकिन इसका मुझ पर कोई असर नहीं। कारण केवल इतना है कि मुझे सही समझे जाने की जिज्ञासा नहीं। यदि वे सही नहीं समझते तो यह उनकी समस्या है, यह मेरी समस्या नहीं है। यदि वे गलत समझते हैं तो यह मेरी नहीं, उनकी समस्या है, उनका दुख है। मैं अपनी नींद नहीं खराब करूंगा यदि लाखों लोग मुझे गलत समझ रहे हैं।
69. श्रेष्ठता से सोचने वाला हमेशा तुच्छ कहलाता है, क्योंकि ये एक ही सिक्के के दो पहलू है।