राजा और राजकुमारी की कहानी, एक राज्य में एक राजा और उसकी बेटी रहते थे। राजा अपने बेटी से बहुत प्यार करता था। कुछ साल पहले ही रानी की मृत्यु हो गयी थी। रानी की मृत्यु हो जाने के कारण राजा अपने बेटी को कभी भी ऐहसास नहीं होने देता था कि उसकी माँ इस दुनिया में नहीं हैं।
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राजा जब भी शिकार करने या युद्ध पर जाता। तो राज कुमारी को ठीक से ख्याल रखने के लिए बोल देता था। नौकरानियां भी राजकुमारी की ठीक से देखभाल करती थीं।
राजकुमारी दिन पर दिन बड़ी होती गयी। एक पल ऐसा हुआ कि राजा ने अपने मंत्रियों को आदेश दिया कि राजकुमारी अब बड़ी हो गयी हैं।
राजकुमारी के लिए कोई अच्छा सा राजकुमार खोजा जा ताकी उससे राजकुमारी की विवाह किया जाय।
राजकुमार पढ़ी लिखी थी। वह सारे शास्त्रों का ज्ञान रखने वाली थी। वह हर तरह के हथियार चलाने में माहिर थी।
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दुर-दुर तक उसके बारे में बाते होती थी कि उस राजकुमारी से जो विवाह करेंगा। वह बहुत ही ख़तरनाक और वैभवशाली चक्रवर्ती सम्राट बन जायेगा।
क्योंकि वह जिस राजा की पुत्री हैं उसके पिता बहुत ही शक्तिशाली राजा हैं। और राजकुमारी उनकी एकलौती संतान हैं।
राजकुमारी की विवाह की बात जिस तरह दुसरे राज्य के राजकुमारों को पता चला सभी राजकुमार उस राजकुमारी से विवाह करने के लिए उसके राज्य में आने लगे।
राजकुमार उस राजकुमारी से विवाह करने के लिए इतने आ गये। कि राजा ने स्वयंवर करने का फ़ैसला किया।
राजा ने राजकुमारी को स्वयं वर चुनने का अधिकार दिया। राजकुमारी ने सारे राजकुमार को देखा। सभी एक से बढ़कर एक लग रहे थे।
राजकुमारी की कहानी | बच्चों के लिए कहानी | विधार्थी के लिए कहानी
अंत में एक राजकुमार को राजकुमारी ने अपना वर चुना।
और सारे राजकुमार ने शांती से राजकुमारी का फ़ैसला माने।
हालांकि जिस राजकुमार को उस राजकुमारी ने पसंद किया था। वह कोई साधारण राजकुमार नहीं था।
वह वहाँ के सम्राट का बेटा था। कोई और राजकुमार होता तो शायद कोई सवाल उठता। कि हमें क्यों नहीं चुना केवल उस राजकुमार को क्यों चुना?
इस कहानी से हमें क्या शिक्षा मिलती हैं?
उत्तर – > इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती हैं कि हमें मजबुत बनना चाहिये। क्योंकि जो मजबूत होते हैं इनका विरोध बहुत ही कम लोग करते हैं। मजबूत हमें बनना चाहिये दुसरों को दबाने के लिए नहीं। बल्कि कोई हमें दबा ना सके।