रामायण हिन्दुओं का एक प्रमुख ग्रन्थ है। जिसको महर्षि वाल्मीकि ने लिखा है।
रामायण लोगों को मजबूत बनाता है। वह लोगों को बताता है कि हालत कैसी भी हो हमें उसका सामना अच्छी तरह से करना चाहिए।
हमें दुसरों की मदद करना चाहिए। माता-पिता के हर आज्ञा का पालन करना चाहिए। हालत कैसी भी हो हर हालत में हमें मजबूत रहना चाहिए।
Best ramayan quotes in hindi | रामायण के अनमोल विचार
1. गलती करना मानव का स्वभाव है, ऐसा कोई भी नहीं है जिसने कभी कोई गलती ना की हो।
2. क्रोध वो शत्रु है जो व्यक्ति का जीवन ख़त्म कर देता है। क्रोध मित्र के चेहरे वाला शत्रु है। क्रोध एक तेजधार तलवार की तरह है। क्रोध सबकुछ नष्ट कर देता है।
3. उन बादल की गरजन जो पहले ही अपना सारा पानी ख़त्म कर चुके हों कोई वर्षा उत्पन्न नहीं करती। लेकिन जो वास्तव में वीर होते हैं वे बेकार में गर्जना नहीं करते, वे अपनी वीरता मैदान में दिखाते हैं।
4. रामायण, चाहे चंद्रमा की सुंदरता चली जाए, हिमालय हिम रहित हो जाये, और सागर जल रहित हो जाए, तो भी मैं अपने पिता को दिया हुआ वचन नहीं तोडूंगा।
5. बोलने से पहले शब्द मनुष्य के वश में होते हैं, परन्तु बोलने के बाद मनुष्य शब्दों के वश में हो जाता है।
6. जो व्यक्ति हमेशा रोना रोते हैं, उन्हें जीवन में कभी सुख नहीं मिलता।
7. रामायण, मित्रता या शत्रुता बराबर वालों से करनी चाहिए।
8. संतोष नंदन वन है तथा शांति कामधेनु है। इस पर विचार करो और शांति के लिए श्रम करो।
Ramayan quotes in hindi
9. रामायण, बलवान पुरुष क्रोधित नहीं होते।
10. अपना जीवन त्याग देना कोई अच्छा फल नहीं देता, जीना जारी रखना आनंद और प्रसन्नता का मार्ग है।
11. इस दुनिया में दुर्लभ कुछ भी नहीं है, अगर उत्साह का साथ न छोड़ा जाए।
12. दुख और विपदा जीवन के दो ऐसे मेहमान हैं, जो बिना निमंत्रण के ही आते हैं।
13. हर मनुष्य में दया और प्रेम होना चाहिए, हर किसी के मन में अपने से छोटे के प्रति दया और अपने से बड़ों के प्रति सम्मान की भावना होनी चाहिए।
14. केवल डरपोक और कमजोर ही चीजों को भाग्य पर छोड़ते हैं लेकिन जो मजबूत और खुद पर भरोसा करने वाले होते हैं वे कभी भी नियति या भाग्य पर निर्भर नही करते।
15. रामायण, अगर कोई व्यक्ति कमजोर है तो उसे हमेशा वह ताकतवर है ऐसा ही प्रदर्शित करना चाहिए।
16. जब भी कोई भय आपके नजदीक आए तब आपको उस पर आक्रमण कर उसे नष्ट कर देना चाहिए।
17. इससे फर्क नहीं पड़ता कि आप कितने धीरे चलते हो जब तक कि आप रुक नहीं जाते।
18. दुःख व्यक्ति का साहस ख़त्म कर देता है। वह व्यक्ति की सीख ख़त्म कर देता है। हर किसी का सबकुछ नष्ट कर देता है. दुःख से बड़ा कोई शत्रु नही है।
19. उदास, निराश या हतोत्साहित ना होना हर तरह की समृद्धि और ख़ुशी का आधार है।
20. माता-पिता की सेवा और उनकी आज्ञा का पालन जैसा दूसरा धर्म कोई भी नहीं है।
21. संसार में ऐसे लोग थोड़े ही होते हैं, जो कठोर किंतु हित की बात कहने वाले होते है।
रामायण के अनमोल विचार हिंदी में
22. ऐसा कोई व्यक्ति अब तक नहीं जमा, जो वृद्धावस्था को जीत सका हो।
23. जैसे कमल के पत्तों पर पड़ी पानी की बूँदें पत्तों से नहीं चिपकतीं, उसी प्रकार चरित्रहीन व्यक्तियों से होने वाली मित्रता होती है।
24. अतिसंघर्ष से चंदन में भी आग प्रकट हो जाती है, उसी प्रकार बहुत अवज्ञा किए जाने पर ज्ञानी के भी हृदय में भी क्रोध उपज जाता है।
25. जहाँ हो वहीं से शुरुआत करो, जो तुम्हारे पास है उसी का उपयोग करो और जो तुम कर सकते हो वही करो।
26. हमेशा प्रसन्न रहना कुछ ऐसा है जिसे प्राप्त करना कठिन है। कहने का अर्थ है, प्रसन्नता और दुःख किसी के जीवन में आते-जाते रहते हैं और ऐसा नही हो सकता ही कि लगातार सिर्फ प्रसन्नता ही बनी रहे।
27. बच्चों के लिए उस कर्ज को चुकाना मुश्किल है जो उनके माता-पिता ने उन्हें बड़ा करने के लिए किया है।
28. किसी भी नेक उद्देश्य की प्राप्ति के लिए निम्नलिखित गुणों का होना आवश्यक हैं : उदास व दुखी न होना , अपने कर्तव्य पालन की क्षमता, अथवा कठिनाइयों का बल पूर्वक सामना करने की क्षमता।
29. रामायण, सर्वनाश के प्रमुख 3 कारण इस प्रकार हैं : दूसरों के धन की चोरी, दूसरे की पत्नी पर बुरी नजर और अपने ही मित्रों के चरित्र व ईमानदारी पर शक।
30. अत्यधिक लंबे समय की दूरी या ओझलपन से प्रेम व स्नेह में कमी आ जाती है।
31. दुष्टों व राक्षसों से समझौते की बात या नम्र शब्दों से कोई लाभ नहीं हो सकता। इसी प्रकार किसी धनवान व्यक्ति को कोई छोटा मोटा उपहार दे कर उसे शांत नहीं किया जा सकता।
32. अभिमानी व्यक्ति, चाहे वह आपका गुरु, पिता व उम्र अथवा ज्ञान में बड़ा भी हो, उसे सही दिशा दिखाना अति आवश्यक होता हैं।
33. अपनी आँखों को हमेशा आसमान की तरफ रखो और अपने पैरो को हमेशा जमीन पर।