32+ Best Sarvepalli Radhakrishnan quotes in hindi | डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के अनमोल विचार

Sarvepalli Radhakrishnan

Sarvepalli Radhakrishnan, भारत के प्रथम उप-राष्ट्रपति और दूसरा राष्ट्रपति थे।

 

डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म 5 September 1888 को तथा मृृत्यु 17 April 1975 को हुआ था। इनका जन्मदिन 5 सितम्बर भारत में शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है।

 

Sarvepalli Radhakrishnan quotes in hindi | डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के अनमोल विचार

 

1. कहते हैं कि धर्म के बिना इंसान लगाम के बिना घोड़े की तरह है।

 

2. धर्म भय पर विजय है। असफलता और मौत का मारक है।

 

3. पुस्तकें वो साधन हैं जिनके माध्यम से हम विभिन्न संस्कृतियों के बीच पुल का निर्माण कर सकते हैं।

 

4. Sarvepalli Radhakrishnan, जीवन का सबसे बड़ा उपहार एक उच्च जीवन का सपना है।

 

5. ज्ञान हमें शक्ति देता है, प्रेम हमें परिपूर्णता देता है।

 

6. भगवान् की पूजा नहीं होती बल्कि उन लोगों की पूजा होती है जो उनके नाम पर बोलने का दावा करते हैंं। पाप पवित्रता का उल्लंघन नहीं, ऐसे लोगों की आज्ञा का उल्लंघन बन जाता है।

 

7. यदि मानव दानव बन जाता है तो ये उसकी हार है , यदि मानव महामानव बन जाता है तो ये उसका चमत्कार है। यदि मनुष्य मानव बन जाता है तो ये उसके जीत है।

 

8. शांति राजनीतिक या आर्थिक बदलाव से नहीं आ सकते बल्कि मानवीय स्वभाव में बदलाव से आ सकती है।

 

9. दुनिया के सारे संगठन अप्रभावी हो जायेंगे यदि यह सत्य कि प्रेम द्वेष से शक्तिशाली होता है उन्हें प्रेरित नहीं करता।

 

10. कला मानवीय आत्मा की गहरी परतों को उजागर करती है। कला तभी संभव है जब स्वर्ग धरती को छुएं।

 

Sarvepalli Radhakrishnan thoughts in hindi | डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के अनमोल वचन

 

11. Sarvepalli Radhakrishnan, मौत कभी अंत या बाधा नहीं है बल्कि अधिक से अधिक नए कदमों की शुरुआत है।

 

12. हर्ष और आनंद से परिपूर्ण जीवन केवल ज्ञान और विज्ञान के आधार पर संभव है।

 

13.  केवल निर्मल मन वाला व्यक्ति ही जीवन के आध्यात्मिक अर्थ को समझ सकता है। स्वयं के साथ ईमानदारी आध्यात्मिक अखंडता की अनिवार्यता है।

 

14. जीवन को बुराई की तरह देखता और दुनिया को एक भ्रम मानना महज कृतध्नता है।

 

15. उम्र या युवावस्था का काल-क्रम से लेना-देना नहीं है। हम उतने ही नौजवान या बूढें हैं जितना हम महसूस करते हैं। हम अपने बारे में क्या सोचते हैं यही मायने रखता है।

 

16. Sarvepalli Radhakrishnan, लोकतंत्र सिर्फ विशेष लोगों के नहीं बल्कि हर एक मनुष्य की आध्यात्मिक संभावनाओं में एक यकीन है।

 

17. धन, शक्ति और दक्षता केवल जीवन के साधन हैं, खुद जीवन नहीं।

 

18. एक साहित्यिक प्रतिभा, कहा जाता है कि हर एक की तरह दिखती है, लेकिन उस जैसा कोई नहीं दिखता।

 

19. हमें मानवता को उन नैतिक जड़ों तक वापस ले जाना चाहिए जहाँ से अनुशाशन और स्वतंत्रता दोनों का उद्गम हो।

 

20.  मनुष्य को सिर्फ तकनीकी दक्षता नहीं बल्कि आत्मा की महानता प्राप्त करने की भी ज़रुरत है।

 

Sarvepalli Radhakrishnan status in hindi

 

21. मानवीय स्वाभाव मूल रूप से अच्छा है और आत्मज्ञान का प्रयास सभी बुराईयों को ख़त्म कर देगा।

 

22. शिक्षा का परिणाम एक मुक्त रचनात्मक व्यक्ति होना चाहिए जो ऐतिहासिक परिस्थितियों और प्राकृतिक आपदाओं के विरुद्ध लड़ सके।

 

23. Sarvepalli Radhakrishnan, कवी के धर्म में किसी निश्चित सिद्धांत के लिए कोई जगह नहीं है।

 

24. आध्यात्मिक जीवन भारत की प्रतिभा है।

 

 

Sarvepalli Radhakrishnan quotes in hindi | डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के अनमोल विचार

 

 

25. कोई भी जो स्वयं को सांसारिक गतिविधियों से दूर रखता है और इसके संकटों के प्रति असंवेदनशील है वास्तव में बुद्धिमान नहीं हो सकता।

 

26. मानवीय जीवन जैसा हम जीते हैं वो महज हम जैसा जीवन जी सकते हैं उसका कच्चा रूप है।

 

27. राष्ट्र, लोगों की तरह सिर्फ जो हांसिल किया उससे नहीं बल्कि जो छोड़ा उससे भी निर्मित होते हैं।

 

28. मेरा जन्मदिन मनाने की बजाय अगर 5 सितम्बर शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जायेगा तो मैं अपने आप को गौरवान्वित अनुभव करूँगा।

 

29. Sarvepalli Radhakrishnan, मृत्यु कभी भी एक अंत या बाधा नहीं है बल्कि एक नए कदम की शुरुआत है।

 

30. पवित्र आत्मा वाले लोग इतिहास के बाहर खड़े हो कर भी इतिहास रच देते हैं।

 

31. अगर हम दुनिया के इतिहास को देखे तो पाएंगे कि सभ्यता का निर्माण उन महान ऋषियों और वैज्ञानिकों के हाथों से हुआ है जो स्वयं विचार करने की सामर्थ्य रखते हैं जो देश और काल की गहराइयों में प्रवेश करते हैं, उनके रहस्यों का पता लगाते हैं और इस तरह से प्राप्त ज्ञान का उपयोग विश्व श्रेय या लोक-कल्याण के लिए करते हैं।

 

32. शिक्षा के द्वारा ही मानव मस्तिष्क का सदुपयोग किया जा सकता है। अत: विश्व को एक ही इकाई मानकर शिक्षा का प्रबंधन करना चाहिए।

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Author: Kumar

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