समय कभी भी एक जैसा नहीं होता हैं। आज आपका हैं तो कल किसी और का होगा। बुरा समय हर किसी के जीवन में आता हैं।
कोई उस बुरे समय में बर्बाद हो जाता हैं तो कोई उस बुरे समय के कारण आबाद हो जाता हैं।
Ek lachar ladke ki kahani | एक लाचार लड़के की कहानी | short story in hindi
हम एक ऐसे लड़के की कहानी लेकर आये हैं जो खराब परिस्थिति के बावजूद एक अलग मुकाम हांसिल किया। और बता दिया कि बुरा समय हमें कमजोर करने के लिए नहीं आता हैं। यह हमें मजबूत करने के लिए आता हैं।
एक लड़का था जब वह पैदा हुआ तो उसकी मां की मृत्यु हो गई। उसका पालन पोषण उसके पिता ने ही किया। उसका परिवार छोटा था। और गरीब भी था। उसके पिता कुछ कमा के लाते तो उनका परिवार चलता।
एक दिन की बात जब लड़का 7 वर्ष का हो गया। तब उसने सोचा कि मैं अपने पिता की हालत देखता हूँ। खाने के लिए खाना नहीं होता हैं तो वह मुझे खिला देते हैं। कपड़े उनके फटे होते हैं लेकिन वे अपने कपड़े नहीं खरीदते हैं। मेरे लिए कपड़े खरीद देते हैं।
उसने कहा कि पापा एक दिन मैं अपने सारे दुखों को दुर करुंगा। एक दिन मैं सारी दुनिया को बता दूगां कि हम लाचार हैं कमजोर नहीं।
story in hindi short
वह लड़का बचपन से ही छोटे मोटे काम करने लगा। पहले दूसरो का काम करता। जैसे कपड़े की दुकान पर काम किया तो कभी चाय की दूकान पर तो कभी होटल में।
इस तरह काम करते-करते उसने कुछ पैसे कमा लिया। और उसने खुद की एक कपड़े की दुकान खोल दिया।
वह पहले से ही कपड़ा के दुकान पर काम किया था। तो उसे पता था कि कपड़े कैसे बेचते हैं और किस कपड़े पर कितना मुनाफा (फायदा) होता हैं।
परिणाम यह हुआ कि उसका दुकान अपना मार्केट बना लिया। हर कोई उसके पास ही कपड़े खरीदने आने लगे।
अधिक ग्राहक होने की वजह से उसने एक से अधिक दुकान खोल दिया। अधिक दुकान होने की वजह से उसने अपने दुकान को एक ब्रांड (brand) का नाम दे दिया।
उसके ब्रांड का नाम धीरे-धीरे पुरे state (राज्य) में फैल गया। हर को उसके brand का दिवाना हो गया।
Inspirational Stories in hindi | short story in hindi | लाचार लड़के की कहानी
कोई किसी से भी कपड़े खरीदने के लिए suggestion (सुझाव) मांगता तो सबसे पहले लोग उसके ही दुकान का नाम लेता थे।
अब वह साबित कर चुका था कि वह अब लाचार नहीं हैं। हर कोई उसकी सफलता की प्रसंसा करते थे।
उसके पापा भी उसके सोच, मेहनत और संघर्ष की बहुत तारिफ किया करते हैं। वे कहते हैं कि जिस हालत में लोग जीना छोड़ देते हैं। उस हालत में मेरे बेटे ने जीना सिखा हैं।
कभी मेरे पास खाने को खाना तक नहीं था। लेकिन मैं रोज हजारों को खाना खिला देता हूँ। ये सब हुआ है तो उसका मेरा एक ही जवाब हैं। मेरे बेटे की लगन और कुछ कर गुजरने की उसकी सोच की वजह से।
आज उसने यह साबित कर दिया है कि बुरा वक्त हमेंशा के लिए नहीं रहता हैं। इसे हम अपने विश्वास से बदल सकते हैं।